




Divine words
जीवन की पहचान संघर्ष
निरंतर जीवन को सुगम चलाने की कामना करने वाले जीव अति शुष्म प्रतीत होते हैं क्योकि उनके होने या ना होने से धरा पर किसी बदलाव की अनुभूति या आशा नहीं होती क्योंकि स्वयं प्रभु ने कहा हैं के जीवन मैं संघर्ष यानी कर्म ही निर्त्न्तर अग्रसर रहने मैं सहायक हैं अगर जीवन सुगम प्रतीत होगा तो लक्ष्य और कर्म नहीं होगा ना ही जीवन रुपी अमृत के असल भाव की समझ होगी ! निरंतर कार्यशील होना ही सफल जीवन का परिचायक हैं
